Friday, March 19, 2010

betiya

बेटियाँ होती हैं ठंडी - ठंडी हवाएं,



तपते हृदय को शीतल करने वाली बेटियाँ


बेटियाँ होती हैं सदाबहार फूलो सी ,


खिली रहती हैं जीवन भर,मुस्कराती रहती है जीवन भर


रहती हैं चाहे जहाँ, महकाती हैं,सजाती हैं,माता पिता का आँगन


बेटियाँ होती हैं मरहम, गहरे से गहरे घाव को भर देती हैं,


संजीवनी स्पर्श से ,जीते हैं माता पिता,


बेटियों के संसार को सजाने की ललक लिये


बेटियाँ होती हैं, माता पिता के सुनहरे स्वप्न।


पल भर में छोड़ जाती हैं बेटियाँ ,माता पिता का आँगन


लेती हैं उनके धैर्य की परीक्षा।


असहाय माता पिता, ताकते रह जाते हैं,


और चली जाती हैं रोते हुए बेटियाँ,


छोड़ जाती हैं पीछे पल पल की स्मृतियाँ।


माँ स्मृति के पिटारे से निकालती है,


छोटी छोटी फ्रॉकें गुडेगुडिया आँखे नम हो जाती


लगाती हैं उन्हे हृदय से


पिता निहारते हैं उँगलियाँ,


जिन्हे पकड़ा कर


सिखाया था बेटियों को


टेढ़े मेढ़े पाँव रख कर चलना,


कितनी जल्दी बड़ी हो जाती हैं बेटियाँ


कितनी जल्दी चली जाती हैं बेटियाँ

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