Thursday, March 29, 2012

बेटियां,

बेटी है तो कल है"
बेटी है तो कल है .
बेटी गंगा जैसी पावन.बेटी गंगा जल है .
बेटी सुख की नदिया. बेटी निश्चल अविरल है ..बेटी है तो कल है .
बेटी से होता रोशन सरे जग का आँगन है,
बेटी आँगन की तुलसी,बेटी नयनजल है ..
बेटी है तो कल है .
बेटी बिन न होता कोई कम सफल है ...बेटी है तो कल है..
बेटी से है होली. बेटी से है दिवाली .
बेटी से रक्षाबंधन जैसा पर्व है ...बेटी है तो कल ...
बेटी चांदनी है बेटी रोशनी है .
बेटी न रुकने वाली ऐसी एक लहर है ..बेटी है तो कल है .
देती साथ अपनों का .उठाती बोझ अपनों का हश हश कर ..करती ये रोशन अपने बाबुल का घर है .
बेटी है तो कल है ..
बेटी को कोख में मत मरो उसे भी जीने का हक़ है..


4 comments:

  1. खूबसूरत रचना ...बहुत बढ़िया प्रस्तुति.

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  2. Hearty congratulations on a great blog presentation.May Your efforts will be successful. Good luck.

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