Thursday, March 29, 2012

बेटियाँ "

बेटियाँ "

देवताओ को घर में बसा लीजिये।

भारती मान को भी बचा लीजिये।

ऐ पुरूष चाहते हो कि कल्याण हो-

बेटियाँ देवियाँ है, दुवा लीजिये।।

माँ,बहन ,संगिनी,मीत है बेटियाँ

दिव्यती ,धारती, प्रीत है बेटियाँ।

देव अराध्य की वंदनाएं है ये-

है ऋचा,मन्त्र है ,गीत है बेटियाँ॥

जग की आशक्ति का द्वार है बेटियाँ।

मानवी गति का विस्तार है बेटियाँ।

जग कलुष नासती ,मुक्ति का सार है-

शक्ति है शान्ति है,प्यार है बेटियाँ

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