ऐसी होती हैं बेटियां
मिट्टी की खुशबू-सी होती हैं बेटियां,
घर की राज़दार होती हैं बेटियां,
बचपन हैं बेटियां, जवानी हैं बेटियां,
सत्यम्-शिवम् सुंदरम्-सी होती हैं बेटियां,
सूरज-सी खिलखिलाती होती हैं बेटियां,
चंदा की मुस्कुराहट-सी होती हैं बेटियां,
दुर्गा-सी बेटियां, कभी गंगा-सी बेटियां,
हर महिषासुर का वध करने को तैयार बेटियां,
मायके से ससुराल का सफर तय करती हैं बेटियां,
कल्पना में बेटियां, कभी वास्तविकता में बेटियां,
फिर क्यों जला देते हैं ससुराल में बेटियां?
फिर क्यों ना बांटे खुशियां जब होती हैं बेटियां?
एक नहीं दो वंश चलाती हैं बेटियां,
फिर गर्भ में क्यों मार दी जाती हैं बेटियां?
मिट्टी की खुशबू-सी होती हैं बेटियां,
घर की राज़दार होती हैं बेटियां,
बचपन हैं बेटियां, जवानी हैं बेटियां,
सत्यम्-शिवम् सुंदरम्-सी होती हैं बेटियां,
सूरज-सी खिलखिलाती होती हैं बेटियां,
चंदा की मुस्कुराहट-सी होती हैं बेटियां,
दुर्गा-सी बेटियां, कभी गंगा-सी बेटियां,
हर महिषासुर का वध करने को तैयार बेटियां,
मायके से ससुराल का सफर तय करती हैं बेटियां,
कल्पना में बेटियां, कभी वास्तविकता में बेटियां,
फिर क्यों जला देते हैं ससुराल में बेटियां?
फिर क्यों ना बांटे खुशियां जब होती हैं बेटियां?
एक नहीं दो वंश चलाती हैं बेटियां,
फिर गर्भ में क्यों मार दी जाती हैं बेटियां?
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