"मेरी बेटीँ"तेरे कदमोँ की आहट,तेरी पायल की छन-छन,
जब आँगन मेँ तू दौडे,याद आये मेरा बचपन,
मेरी बेटी हैँ तू ,हैँ मेरा दर्पण,मेरी छवि हैँ तुझमेँ,
मैँ नजर आती हूँ तुझमेँ,मेरा कोई बेटा ना हैँ,
तू ही हैँ मेरा बेटा,तू ही हैँ 'ज्योति' ,
जब से जीवन मेँ तुम आयीँ,खुशियो से भर गया हैँ जीवन,
हमेँ गर्व हैँ स्वयं पर,हमनेँ जन्मी हैँ बेटीं,
पिता का पुत्र हैँ तू ,तू ही हैँ मेरी बेटी||"
जब आँगन मेँ तू दौडे,याद आये मेरा बचपन,
मेरी बेटी हैँ तू ,हैँ मेरा दर्पण,मेरी छवि हैँ तुझमेँ,
मैँ नजर आती हूँ तुझमेँ,मेरा कोई बेटा ना हैँ,
तू ही हैँ मेरा बेटा,तू ही हैँ 'ज्योति' ,
जब से जीवन मेँ तुम आयीँ,खुशियो से भर गया हैँ जीवन,
हमेँ गर्व हैँ स्वयं पर,हमनेँ जन्मी हैँ बेटीं,
पिता का पुत्र हैँ तू ,तू ही हैँ मेरी बेटी||"
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