Saturday, April 16, 2011

btiya


"बेटिया होती है जिगर का टुकड़ा ,
हर जगह जनत बनाती है बेटिया
आसमान छुने को तयार बेटिया
हिमालय को छुहा है बेटियों ने
हर जगह छायी है बेटिया||"

2 comments:

  1. आपको तीज पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!!

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  2. बहुत अच्छी रचनाएं हैं आपके ब्लॉग पर , बधाई !

    समय निकाल कर मेरे यहां भी पधारें .

    लिंक हैं

    शस्वरं

    ओल्यूं मरुधर देश री

    शुभकामनाओं सहित
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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