ES BLOG ME DI HUAI KUCH KAVITAYE MERI NIJI HAI..BAKI KAHI N KAHI SE DHUNDH KAR MAINE EK COLLECTION KIYA HAI.MERA UDHESIYE BETIYO SE SAMANDHIT MARMIK KAVITAO KA SANGRAH KARNA HAI.YE EK COLLECTION HAI .
Monday, November 1, 2010
betiya
"में बेटी बनकर आई हूँ माँ -बाप के जीवन में
बसेरा है आज कल मेरा किसी और के आँगन में ||
क्यों यह रीत भगवान ने बनायीं होगी
कहते हैं आज नहीं तो कल तू परायी होगी ,||
दे कर जनम पाल -पोसकर जिसने हमें बड़ा किया
और वक़्त आया तो उन्ही हाथों से हमें विदा किया ||
बेटिया इससे समझकर परिभाषा अपने जीवन की
बना देती है अभिलाषा एक अटूट बंधन की ||
क्यों रिश्ता हमारा इतना अजीब होता है
क्या बस यही हम बेटियों का नसीब होता है ||"
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