Wednesday, January 20, 2010

betiya


सुख को जब बाँट भी लेते , दुख जाने क्यू बाँट न पाते ||
अंतर -मन के एक कोने मे , टीस कभी रह जाती है ||
न मै जिसे बता पाता हु , न जुबान कह पाती है|
होते सब दुख दूर तभी, जब माथे को सहेलाती बिटिया ||
नया जोश भर जाता मन मे , जब धीरे मुस्काती बिटिया||
लोग मुर्ख जो मासूमों से , भेदभाव कोई करते है||
जिम्मेदारी बचने को , एक बहाना रचते है||
बेटा - बेटी एक समान ,हमने पाया नारा है|
घर की बगिया में जो महके , सुंदर कोमल फूल है बिटिया ||
मान मेरा , सम्मान बिटिया ,अब मेरी पहचान है बिटिया ||
न मानों तो आकर देखो, माँ बाबा की जान है बिटिया |
मेरी बिटिया सुंदर बिटिया , मेरी बिटिया प्यारी बिटिया ||"
"इतु"राजपुरोहित

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