Wednesday, June 23, 2010

betiya


बेटिया

गोद में आती है
खुशियों से वो घर भर जाता है |

उसकी प्यारी मुस्कान से
घर का हर कोना चहकता है |

लाड प्यार में बड़ी होती है
पलकों पे बिठा हर नाता रखता है

कितने नाजों से पलती बेटी
मांगने से पहले सब मिलता है |

बाबुल का दिल का ये टुकड़ा
जो विदाई पे सबको रुला जाता है......

1 comment:

  1. bilkul sahi likha hai. main bhi is sukh ko dil se anubhav kiya hai. sundar prastuti ke liye badhayi.

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