Wednesday, June 23, 2010

betiya


बेटिया

गोद में आती है
खुशियों से वो घर भर जाता है |

उसकी प्यारी मुस्कान से
घर का हर कोना चहकता है |

लाड प्यार में बड़ी होती है
पलकों पे बिठा हर नाता रखता है

कितने नाजों से पलती बेटी
मांगने से पहले सब मिलता है |

बाबुल का दिल का ये टुकड़ा
जो विदाई पे सबको रुला जाता है......

betiya


betiya

 एक मीठी   सी   मुस्कान  हैं  बेटिया.  ...


पर  यह  सच  हैं  की  मेहमान  हैं  बेटिया ....




रहमत  बरकत  साथ  लेती    हैं  यह .   ...


उसकी  रहमत  की  पहचान  हैं  बेटिया ....




उन  किताबों  से  खुशबू  ही  आये  सदा ....


जिन  किताबों  का  उन्वान   हैं  बेटिया ....




तंगहाली  मैं  भी  लैब   न  खोले  कभी ....


सब्र  की  जिंदा  पहचान  हैं  बेटिया ....




उन  घरानों  की  पहचान  बन्ने  चली ....


जिन  घरानों  से  अनजान  हैं  बेटिया ....




सारा  आलम  भी  लिश  कहेगा  यही ....


सारे  आलम  पे  अहसान  हैं  बेटिया ....